क्या है गिरफ्तारी के समय आपके अधिकार - जानें अपने अधिकारों को

 भारतीय आपराधिक विधि के अंतर्गत भारत में रहने वाले प्रत्येक भारतीय को गिरफ्तारी के समय कुछ अधिकार दिये गए है यदि आप भारतीय है तो यह जानना आपके लिए आवश्यक है

क्या है गिरफ्तारी के समय आपके अधिकार जानें अपने अधिकारों को 

Your Right At The Time Of Arrest



हर मनुष्य कुछ मूलभूत अधिकारों के साथ जन्म लेता है जैसे- जीवन जीने का अधिकार, स्वतन्त्रता का अधिकार इत्यादि यह अधिकार उससे छीने नहीं जा सकते और इन अधिकारों की सुरक्षा उस राष्ट्र को करनी होती है जिसमे वह निवास करता है,
 इसके अतिरिक्त सभ्य समाज (राष्ट्र) में अन्य अधिकार मानव के विकास के लिए दिये जाते है तो चलिये देखते है क्या है वह अधिकार-

गिरफ्तार व्यक्ति के कौन से भिन्न अधिकार है

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”।

1. गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार- अनुछेद 22(1) निद्र्स्ट करता है की कोई भी व्यक्ति गिरफ्तारी का कारण बताए बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है

2.दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 50- बताती है की किसी व्यक्ति को वारंट की बिना गिरफ्तार करने वाला प्रत्येक पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति उस व्यक्ति को उस अपराध की,जिसके लिए वह गिरफ्तार किया जा रहा है गिरफ्तारी का आधार तुरंत बताएगा

3.धारा 50 (क) (1) दंड प्रक्रिया संहिता गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे मे उसके संबंधी को बताया जाना- इस धारा के अंतर्गत गिरफ्तार करने वाला कोई भी पुलिस अधिकार गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति के भरे मे की वह कहाँ से व कब गिरफ्तार किया जा रहा है जानकारी उसके मित्रों, नातेदारों या उससे संबन्धित व्यक्ति को तुरंत देगा

4.जब गिरफ्तारी पुलिस अधिकारी के अधिनस्थ द्वार की जाती है तो वह अपने उच्च अधिकारी के लिखित आदेश के बिना गिरफ्तार नहीं कर सकता है 55. दंड प्रक्रिया संहिता

5.धारा 57 और 76 दंड प्रक्रिया संहिता और अनुछेद 22(1)-गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा (यात्रा के समय को छोड़कर)

महिला की गिरफ्तारी की दशा में

धारा 46 दंड प्रक्रिया संहिता- महिला अभियुक्त की गिरफ्तारी की दशा मे गिरफ्तारी महिला पुलिस अधिकारी के द्वारा की जाएगी व महिला अभियुक्त को सूर्यास्त के पश्चात व सूर्योदय के पूर्व गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है

जमानत पाने का अधिकार

1.धारा 50(2) दंड प्रक्रिया संहिता- जहां पुलिस अधिकारी वारंट के बिना जमानतीय अपराध के अभियुक्त को गिरफ्तार करता है वहाँ वह गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत पर छोड़े जाने के अधिकार की इतला देगा और कहेगा की वह जमानत के लिए प्रतिभूओ का इंतजाम करे

पसंद के अधिवक्ता से मिलने का अधिकार
1.अनुछेद 22(1)- यह अनुबंधित करता है की प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति को यह अधिकार है वह उसके द्वारा अपराध न किए जाने की सत्यता को प्रदर्शित करने के लिए अपने पसंद के अधिवक्ता को नियुक्त कर सकता है

2.धारा 41 (घ) दंड प्रक्रिया संहिता- यह अधिकार देता है की अभियुक्त पूछताछ के दौरान अपने पसंद के अधिवक्ता से मिल सकता है

मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार

1.अनुछेद 39(क)- यह उपबंधित करता है की आर्थिक रूप से पिछड़े अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने से पूर्व मुफ्त मे सरकार के खर्च पर अधिवक्ता मुहय कराया जाएगा

2.धारा 304 दंड प्रक्रिया संहिता- जहां सेशन न्यायालया के समक्ष किसी विचरण मे, अभियुक्त का प्रतिनिधिव किसी प्लीडर(अधिवक्ता) द्वारा नहीं किया जाता जहां न्यायालया को यह प्रतीत होता है की अभियुक्त की पास किसी प्लीडर को नियुक्त करने का पर्याप्त साधन नहीं है वहाँ न्यायालय उसकी प्रतिरक्षा के लिए राज्य के व्यय पर प्लीडर उपलब्ध कराएगा

चुप रहने का अधिकार

अनुछेद 20 (2)- यह इंगित करता है की कोई भी व्यक्ति किसी अन्य वक्ती को कथन करने के लिए विवश नहीं कर सकता क्योंकि अभियुक्त के पास चुप रहने का अधिकार है

चिकित्सक द्वारा जांच करने का अधिकार

धारा 54 दंड प्रक्रिया संहिता- जब कोई व्यक्ति गिरफ्तार किया जाता है तब गिरफ्तार किए जाने के तुरंत पश्चात उसकी चिकित्सा केंद्रीय या राज्य के सेवाधीन चिकित्सा अधिकारी द्वार और जहां चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध नहीं है वहाँ रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी के द्वारा की जाएगी और महिला की दशा मे शारीरिक चिकित्सा महिला चिकित्सक व  व्यवसायी द्वारा की जाएगी

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