How does Internet works | इन्टरनेट कैसे काम करता है

 Today we will Discuss How does Internet works Internet kaise kaam karta hai uski chalta prakriya kya hai ( इन्टरनेट कैसे काम करता है ) Indians website

How does Internet works | इन्टरनेट कैसे काम करता है

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 डिजिटल दुनिया में इंटरनेट का बहुत महत्व है चाहे किसी प्रकार की खरीद करनी हो या बिक्री करनी हो या किसी चीज की जानकारी प्राप्त करनी हो या किसी दूर बैठे अपनों से बात करनी हो सभी काम आज इंटरनेट के द्वारा संभव हो पाया है परंतु क्या आप जानते हैं इंटरनेट कैसे काम करता है तो चाहिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं

इंटरनेट की काम करने के लिए तीन चीजें मुख्य भूमिका निभाती है

  1. ब्राउज़र
  2. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर जैसे एयरटेल आइडिया जिओ
  3. सर्वर


ब्राउज़र कैसे काम करता है

ब्राउज़र का कार्य यह होता है कि आपके द्वारा सर्च किए गए तथ्यों को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा इंटरनेट सर्विस से सरवर पर एकत्र जानकारी को आपके सामने प्रदर्शित करना जैसे- कभी आप अपने मोबाइल या पीसी ब्राउज़र पर कुछ सर्च करते हैं तो ब्राउज़र आपके सामने आपके द्वारा सर्च किए गए तथ्यों के उत्तर की सूची उत्तर आपके सामने रख देता है परंतु इस प्रक्रिया में सिर्फ ब्राउज़र का ही योगदान नहीं होता इसमें विभिन्न वेबसाइट ऐप व इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का मुख्य योगदान होता है


इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर क्या है

आजकल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर बहुत सारी कंपनियां है जैसे वी, एयरटेल, जिओ, आदि के ब्राउज़र द्वारा कोई भी जानकारी सर्च करने के लिए वह सबसे पहले इंटरनेट प्रोवाइडर के द्वारा लगाए गए विभिन्न टावर से होते हुए जहां पर जानकारी एकत्र है उस ई सरवर पर जाता है और वहां से जानकारी लेने के बाद सेटेलाइट व टावर से होते हुए हमारे ब्राउज़र के द्वारा हमारे मोबाइल या पीसी पर प्रदर्शित होती है प्राप्त कर पाते हैं,

डेटा यहां तक लाने का एक तरीका सैटेलाइट हो सकता है, लेकिन सैटेलाइट तो ऊपर अंतरिक्ष में होता है. पहले वो सिग्नल रिसीव करेगा, फिर वहां से कहीं और भेजेगा. इसमें सिग्नल को ज़्यादा दूरी तय करनी पड़ेगी और टाइम बहुत लग जाएगा. और सैटेलाइट से लंबी दूरी तक सिग्नल भेजना झंझट वाला काम होता है,

इसीलिए ऑप्टिकल फाइबर को काम में लिया जाता है. जानकारी को लाइट सिग्नल बनाकर भेजा जाता है और बहुत फास्ट स्पीड से. ऑप्टिकल फाइबर मतलब ग्लास की बहुत पतली नलियों में सिग्नल भेजा जाता है. विदेशों में मौजूद डेटा सेंटर से डेटा अपने देश तक फाइबर केबल्स से होकर आता है

समुद्र में बहुत सारी फाइबर केबल्स बिछी हुई हैं. और इनका बहुत बड़ा नेटवर्क सभी देशों को जोड़ता है. इन्हीं केबल्स से होते हुए वो जानकारी हमारे देश तक आती है


ई सर्वर क्या होता है

ई सरवर वह सरवर होता है जहां पर विभिन्न वेबसाइट एप की जानकारी या सर्विसेज एकत्र रहती है और यह सरवर मुख्य रूप से इंटरनेट जुड़ा होता है क्योंकि बिना इंटरनेट के यह सर्वर निरर्थक साबित होगा क्योंकि यह इंटरनेट के द्वारा ही विभिन्न लोगों को जानकारी पहुंचा पाता है बिना इंटरनेट के यह मेमोरी या हार्ड डिस्क की तरह कार्य करेगा क्योंकि बिना इंटरनेट के जानकारियों का स्थानांतरण नहीं हो सकता ।


ई सर्वर साधारण भाषा में,

जिस प्रकार हमारे मोबाइल या कंप्यूटर मैं अनेक फाइलें फोटो गाने इत्यादि संरक्षित रहते हैं उसी प्रकार की सरवर कार्य करता है परंतु यह मुख्य रूप से ऑनलाइन इंटरनेट से जुड़ा होता है इसका अपना एक आईपी एड्रेस होता है ।


इन्हे भी पढ़ें- भारत में बने सोश्ल मीडिया एप



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