Bhagat singh biography in hindi | भगत सिंह की जीवनी

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भारत की स्वतंत्रता में का भगत सिंह का अहम योगदान रहा है जिसके कारण आज भारत अंग्रेजों के शासन से स्वतंत्र है और हम लोग अपने कार्यों स्वतंत्रता पूर्वक कर पा रहे हैं भगत सिंह देश के लिए स्वयं का बलिदान देकर भारत को स्वतंत्र कराया तो चलिए आज जानते हैं भगत सिंह के जीवनी के बारे में,

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भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को पंजाब के ग्राम बावली लायलपुर में हुआ था जो वर्तमान में पाकिस्तान में है भगत सिंह के पिता का नाम सरदार किशन सिंह था और माता नाम विद्यावती कौन था या एक सिक्ख समुदाय से थे इनके पिता एक साधारण किसान थे भगत सिंह महान क्रांतिकारी वह देश की स्वतंत्रता के मार्ग में संयोजक थे जिन्होंने चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राण को न्योछावर कर दिया अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड में भगत सिंह के मन को विचलित कर दिया जिसके परिणाम स्वरूप भगत सिंह ने और अपनी नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ कर भारत की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की और भारत के स्वतंत्रता की राह में चल पड़े.


भगत सिंह को शहीद-ए- नाम से इसलिए जाना जाता है कि वह मात्र 23 वर्ष की उम्र में ही देश के लिए बलिदान कर चुके जिनके कारण आज हम आजादी से रह पा रहे हैं मात्र 23 वर्ष की उम्र में भगत सिंह को फांसी दी गई थी भगत सिंह की देशभक्ति ना केवल शासन के खिलाफ बल्कि सांप्रदायिक तर्ज पर भारत के विभाजन की ओर सीमित वह इसका पूर्वाभास कर चुके थे

9 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर से लखनऊ तक जाने वाली आठ नंबर डाउन पैसेंजर सीतापुरी नामक छोटे स्टेशन से सरकारी खजाने को लूट लिया गया इसमें प्रमुख रूप से रामप्रसाद बिस्मिल चंद्रशेखर आजाद और प्रमुख क्रांतिकारी शामिल थे काकोरी कांड के नाम से जाना गया

भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 1928 को अंग्रेजी अफसर जेपी सांडर्स की हत्या कर दी इसमें चंद्रशेखर आजाद ने भगत सिंह का पूर्ण सहयोग किया

क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने अलीपुर रोड दिल्ली ब्रिटिश भारत की तत्कालिक सेंट्रल असेंबली के सभागार में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज सरकार को जगाने के लिए बम और पंचे फेखें


भगत सिंह के बारे में कुछ कथन

  • भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया था जो ससस्त्र संघर्ष का नारा बना और युवाओं में आजादी के प्रति प्रेरित ताका साधन बना.
  • जब भगत सिंह की मां जेल में भगत सिंह से मिलने गई तब वे जोर जोर से हंस रहे थे यह देखकर जेल के अधिकारी भी दंग रह गए कि जो व्यक्ति मौत के इतना करीब है वह कैसे इतनी जोर जोर से हंस रहा है
  • भगत सिंह धर्म से सिख थे परंतु पहचाने जाने से बचने के लिए उन्होंने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली और बाद में बाल भी कटवा लिए और लाहौर कोलकाता से भागने में सफल रहे
  • भगत सिंह भारत के सबसे युवक स्वतंत्रता सेनानी जिनको 23 वर्ष की उम्र में फांसी की सजा दी दे दी गई।


भगत सिंह के कुछ लेख

  • लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज है मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा
  • यदि बहनों को सुनना है तो आवाज को बहुत जोरदार करना होगा जब हमने बम गिराया तो हमारा देश को मारना नहीं था अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आजाद करना चाहिए
  • व्यक्तियों को कुचल कर वे विचारों को नहीं मार सकते
  • किसी भी इंसान को मारना आसान है परंतु उसके विचारों को नहीं महान साम्राज्य टूट जाते हैं तबाह हो जाते हैं जबकि उनके विचार बच हैं
  • मेरी महफिल है मेरा सहारा है मेरा कफन है वतन मेरा एक जिंदगी नहीं हर जन्म वार दूं हिंदुस्तान पर
  • इंसान तभी कुछ करता है जब वह अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है कि हम विधानसभा में बम फेंकने को लेकर थे


हम भगत सिंह की वीरता और राष्ट्र के प्रति उनकी श्रद्धा को नमन करते हैं, जय हिंद जय भारत


इन्हें भी पढ़ें- सुभाष चंद्र बोस की जीवनी

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